कॉपर की एंटीमाइक्रोबियल गुणधर्मों के लिए जाना जाता है, जो हानिकारक बैक्टीरिया और माइक्रोब्स की विकास को रोकने में मदद कर सकते हैं.
कॉपर बॉटल में स्थित पानी पीने से कुछ मात्रा में कॉपर मिलता है, जो विभिन्न शारीरिक कार्यों के लिए एक आवश्यक धातु है.
आयुर्वेदिक परंपरा:
भारतीय पारंपरिक चिकित्सा पद्धति आयुर्वेद में कॉपर वेसल का उपयोग करके पानी पीने की लंबी इतिहास है.
आयुर्वेदिक सिद्धांतों के अनुसार, “ताम्र जल” या कॉपर-आवृत्त जल का सेवन तीन दोष (वात, पित्त, और कफ) को संतुलित करने में मदद कर सकता है और कुल स्वास्थ्य को बढ़ावा दे सकता है.
कॉपर बॉटल की देखभाल:
कॉपर वॉटर बॉटल की स्वच्छता और दीर्घकालिकता को बनाए रखने के लिए इसे नियमित रूप से साफ करना महत्वपूर्ण है.
किसी भी किस्म के धातु धब्बे और बैक्टीरिया को हटाने के लिए नींबू रस और नमक का मिश्रण या एक विशेषज्ञ कॉपर क्लीनर का उपयोग करें.
कॉपर सतह को स्क्रैच कर सकने वाले औजारों का इस्तेमाल न करें.
तेजाबी पेय:
हालांकि कॉपर सामान्यत: पानी को स्टोर करने के लिए सुरक्षित है, तेजाबी पेय या खाद्य कॉपर को द्रव में लीच कर सकते हैं.
तेजाबी पेयों के लिए अन्य आप्शन का चयन करें और कॉपर बॉटल को इसके लिए उपयोग करने से बचें.
कुछ पदार्थों के साथ प्रतिक्रिया:
कॉपर कुछ पदार्थों के साथ प्रतिक्रिया कर सकता है, जिससे पानी का स्वाद बदल सकता है.